GST हटाने से मिल्क की कीमत में कमी
22 सितंबर 2025 से भारत में पैकेज्ड मिल्क पर GST हटाना एक वास्तविक राहत बन कर सामने आया है। भारतीय कंज्यूमर को इस कदम से सीधे‑सीधे 3‑4 रुपये प्रति लीटर की बचत मिलने की संभावना है। अमूल और मदर डेयरी जैसे प्रमुख ब्रांडों ने अपने उत्पादों के मूल्य सूची को तुरंत अपडेट कर दिया, जिससे आज के दिन से मिल्क की कीमत में स्पष्ट गिरावट देखी जा रही है।
पहले जहाँ अमूल और मदर डेयरी के फुल क्रीम मिल्क की कीमत लगभग रुपये 69 प्रति लीटर थी, वहीं अब यह 65‑66 रुपये के आसपास पहुँच गई है। टोन्ड मिल्क, जो पहले रुपये 57 पर उपलब्ध था, उसी अनुपात में कम होकर अब लगभग रुपये 53‑54 पर बिक रहा है। बफ़ेलो मिल्क भी पूर्व में 74‑75 रुपये पर था, अब यह 70‑71 रुपये पर मिल रहा है। इस कीमत घटाव का असर केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी महसूस किया जाएगा।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव और आगे के कदम
मिल्क भारतीय घरों की रोज़मर्रा की पोषण का अहम हिस्सा है; इसका निरंतर मूल्य बढ़ना कई परिवारों के बजट पर दबाव बनाता रहा। इस नई नीति से न केवल उपभोक्ता सीधे बचत करेंगे, बल्कि दीर्घकालिक रूप से खाद्य महँगी के दबाव को भी कुछ हद तक कम किया जा सकता है। कई परिवारों ने बताया कि वे अब अपने बच्चों को अधिक मात्रा में दूध दे पाएँगे या अतिरिक्त खर्च को अन्य आवश्यक वस्तुओं की ओर मोड़ सकेंगे।
GST काउंसिल ने यह निर्णय व्यापक वित्तीय सुधारों के हिस्से के रूप में लिया, जहाँ खाद्य वस्तुओं पर कर छूट या कटौती के कई प्रस्ताव चल रहे हैं। अभिव्यक्तियों में यह स्पष्ट है कि सरकार मूल्यवृद्धि के दबाव को कम करने के लिए ऐसी ही पहलों को जारी रखेगी। इस अवधि में, बाजार में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी, क्योंकि हर ब्रांड बेहतर कीमत पर उपभोक्ता को आकर्षित करने की कोशिश करेगा।
जैसे ही यह पहल वास्तविक रूप में लागू होगी, उद्योग विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले कुछ महीनों में अन्य डेयरी उत्पाद, जैसे पैनिर और दही, पर भी समान कर राहत की सम्भावना बढ़ेगी। उपभोक्ता संगठनों ने भी इस कदम की सराहना की है और भविष्य में ऐसी नीतियों की अपेक्षा जताई है, जिससे भारत में खाद्य सुरक्षा की दिशा में स्थायी बदलाव आएँ।